‘रेपिस्टों को होगी फांसी’, जानिए महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हुए ‘शक्ति’ विधेयक के बारे में

महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध को रोकने के लिए महाराष्ट्र के विधानसभा में 23 दिसंबर को ‘शक्ति’ विधेयक (शक्ति आपराधिक कानून) पारित हुआ था। ये कानून आंध्रप्रदेश के “दिशा” कानून की तरह ही होगा, जिसमे महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों को रोकने के किये अपराधी को कड़ा सज़ा का प्रावधान है। इसमें रेप के गंभीर मामलों में दोषी को फांसी की सज़ा तथा एसिड अटैक के मामलों में 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। इस बिल को अब महाराष्ट्र के विधान परिषद में पेश किया जाएगा और दोनों सदनों से पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेज दिया जाएगा।

क्या कहता है ‘शक्ति’ कानून?

– नाबालिग महिलाओं के साथ बलात्कार/सामुहिक बलात्कार के अपराध के मामलों में अपराधियों को सज़ा-ए-मौत या आजीवन कारावास की सज़ा होगी।

– तेजाब से हमला के मामलों में दोषी को कम से कम 15 वर्ष का कारावास होगा जो एक दोषी के शेष प्राकृतिक जीवन तक बढ़ सकती है। पीड़िता को मुआवजा दिया जाएगा।

– संचार के किसी भी माध्यम से महिलाओं को उकसाने या डराने के मामलों में सज़ा दी जाएगी। इसमें अपराधी को अधिकतम5 साल का कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना होगा।

– झूठ मामला दर्ज करने या किसी व्यक्ति को झूठी सूचना देने के मामले में कम से कम तीन साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

– ऐसे मामलों में FIR होने के 15 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश है, जिसे केवल सात दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। अगर इस समय तक जांच पूरी नहीं हुई तो अधिकारी पर कारवाई होगी।

– आरोपी के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल होने के 30 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा करना होगा।

*क्या ऐसे कानून पहले से नहीं थे?*

आज से 10 साल पहले, यानी दिसंबर 2012 में दिल्ली गैंगरेप और मर्डर केस के बाद इसके ख़िलाफ़ बने कानूनों को मजबूत करने की मांग हुई। 2013 में ‘क्रिमिनल लॉ’ एक्ट पास हुआ। इसमें रेपिस्टों को फांसी की सज़ा देने का प्रावधान है जिसमे विक्टिम के साथ हुई बर्बरता के चलते पीड़िता की मौत हो गई हो या बर्बरता के वजह से विक्टिम का शरीर विक्षिप्त हो गया हो। साल 2018 में ‘क्रिमिनल लॉ’ में फिर से संशोधन हुआ, जिसके बाद 12 या उससे कम उम्र की किसी भी बच्ची के साथ रेप या गैंगरेप जैसे संगीन अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को फांसी की सज़ा देने का प्रावधन जुड़ा है।

ख़बर:-सचिन सिंह ‘प्रभात’

पोर्टल:- ‘आज ख़बर’

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