रिम्स आई बैंक लगातार बेहतर कार्य कर रहा है: डाॅ सुनील

रिम्स मे नेत्रदाता परिवारों के सम्मान में विशेष समारोह आयोजन
RANCHI: 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के अवसर पर क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, रिम्स स्थित राजकीय नेत्र अधिकोष द्वारा शनिवार को नेत्रदाता परिवारों के सम्मान में विशेष समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर सभी वक्ताओं ने कहा कि नेत्रदान कर कोई व्यक्ति अपने निधन के बाद भी किसी और के जीवन में रोशनी ला सकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत पारम्परिक दीप प्रज्वलित कर के हुई।
नेत्र विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) सुनील कुमार ने बताया कि रिम्स आई बैंक लगातार बेहतर कार्य कर रहा है। यहाँ एडवांस्ड केराटोप्लास्टी जैसी आधुनिक तकनीक से निःशुल्क कॉर्निया प्रत्यारोपण किया जा रहा है,
जबकि निजी अस्पतालों में इसकी लागत 80 हजार से 1 लाख रुपये तक आती है।
उन्होंने कहा कि यदि लोग नेत्रदान की प्रतिज्ञा लें तो राज्य में कॉर्नियल अंधापन को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
राज्य अंधापन नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार ने जानकारी दी कि अब तक रिम्स में 271 कॉर्निया रिट्रीवल और 171 सफल प्रत्यारोपण हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी आई बैंक विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है।
रिम्स संकायाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) शशि बाला सिंह ने कहा कि हम कुछ पलों का अंधकार सहन नहीं कर पाते, तो उन लोगों का दर्द कितना गहरा होगा जो जीवन भर अंधकार में जी रहे हैं।
उन्होंने सभी से नेत्रदान का संकल्प लेने की अपील की।
SOTTO झारखंड के नोडल पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि रिम्स आई बैंक की सक्रियता और समर्पण का परिणाम है कि यहाँ कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा सूची नहीं है।
कोई भी मरीज खाली हाथ नहीं लौटता, क्योंकि राजकीय नेत्र अधिकोष में पर्याप्त कॉर्निया उपलब्ध रहती है।
नेत्रदाता परिवारों का सम्मान
कार्यक्रम में स्व. हीरामणि देवी (लोहरदगा), स्व. कुशल कुमार मुंडा (रामगढ़), स्व. मृदुला सिन्हा (रामगढ़), स्व. संतोष कुमार जैन (गिरिडीह), स्व. जेनेट हेरेंज (रांची), स्व. दीपक टोप्पो (बेड़ो), स्व. शारदा वोरा (रांची),
स्व. राजकुमार प्रसाद (कुज्जु), स्व. लिता निर्मल कुजूर (रांची) एवं स्व. लोकेश चंद्र शर्मा के परिजनों को झारखण्ड की पारंपरिक शॉल, सर्टिफिकेट और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह का संचालन करते हुए नेत्र अधिकोष के मैनेजर अभिमन्यु कुमार ने कहा कि यहां मौजूद सभी नेत्रदाता परिवार उदारता एवं महानता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “दुख की घड़ी में भी दूसरों को जीवनदान देने का यह निर्णय वास्तव में अनुकरणीय है।”
समारोह में नेत्रदान को बढ़ावा देने और इसके लिए प्रयासरत रिम्स के कई कर्मियों को भी सम्मानित किया गया।
इनमें किरण कुमारी (न्यूरोसर्जरी ICU), कनक लता किस्कु (कार्डियोलॉजी ICU), दिनेश कुमार दास (ईसीजी तकनीशियन), संजीव मलिक एवं अजीत कुमार (वार्ड बॉय, ट्रॉमा सेंटर),
हसनैन नसीम (ट्रॉलीमैन सुपरवाइजर), राहुल मुर्मू, संदीप कुमार महतो और ज्योति कुमारी (काउंसलर एवं रिट्रीवल तकनीशियन) शामिल रहे।
समारोह का समापन डॉ. एम. दीपक लकड़ा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
उन्होंने कहा कि नेत्रदान वास्तव में जीवनदान है और यह कार्य दया, साहस और करुणा के बिना संभव नहीं।
कार्यक्रम में नेत्र विभाग के डॉ राहुल प्रसाद, सीनियर व जूनियर रेजिडेंट, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, राजकीय नेत्र अधिकोष के सभी कर्मचारी मौजूद थे।