रिम्स निदेशक सह न्यूरोसर्जन प्रो. (डॉ.) राज कुमार एवं न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम ने एक अत्यंत जटिल और जोखिमपूर्ण स्पाइनल ट्यूमर का सरलतापूर्वक की सर्जरी

यह सर्जनी अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि ट्यूमर रीढ की 24 नमों के बीच स्थित था
RANCHI: रिम्स निदेशक सह न्यूरोसर्जन प्रो. (डॉ.) राज कुमार एवं न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम ने आज एक अत्यंत जटिल और जोखिमपूर्ण स्पाइनल ट्यूमर का सफलतापूर्वक सर्जरी किया।
राजधनवार, गिरिडीह की 32 वर्षीय इस महिला मरीज को पिछले तीन वर्षों से कमर दर्द और पैरों में कमजोरी की समस्या थी।
रिम्स में कराई गई एमआरआई जांच में पता चला कि मरीज की रीढ़ की नसों को जकड़े हुए एक बड़ा स्पाइनल ट्यूमर मौजूद है, जो दर्द और कमजोरी का कारण था।
आवश्यक जांचों के उपरांत ऑपरेशन की योजना बनाई गई। यह सर्जनी अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि ट्यूमर रीढ की 24 नमों के बीच स्थित था,
जो पैरों की ताकत, संवेदना, पिशाब (ब्लैडर) और बॉवेल नियंत्रण के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है।
यदि आपरेशन के दौरान नसों को क्षति पहुंचती है तो मरीज़ के पैरों में लकवा एवं पिशाब और बॉवेल नियंत्रण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
नसों को क्षति पहुंचने की संभावना अधिक होने के बावजूद रिम्स के चिकित्सकों ने ऑपरेशन के दौरान सभी नसों को सुरक्षित रखते हुए लगभग 4 इंच लंबा ट्यूमर जो रीढ़ में बहुत बड़ा ट्यूमर माना जाता है, इसे सफलतापूर्वक निकाल लिया गया।
सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है।
होश में आने के पश्चात मरीज अपने दोनों पैरो का चला रही है और उम्मीद है आने वाले दिनों में उसके पैरों की पूरी ताकत आ जाएगी जिनसे वह अपने दैनिक कार्य सुचारू रूप से कर पाएगी।
इस सफल ऑपरेशन का नेतृत्व रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार और न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद प्रकाश ने किया।
टीम में न्यूरोसर्जरी विभाग से डॉ. नारायण, डॉ. राकेश एवं निश्चेतना विभाग से डॉ. मुकेश एवं उनकी टीम शामिल थी।