कुड़मी समुदाय की मांग जायज, अविलंब हो निर्णय : सुदेश महतो

रेल टेका, डहर छेका आंदोलन
सुदेश–चंद्रप्रकाश समेत आजसू के नेता–कार्यकर्ता उतरे रेल पटरियों पर
RANCHI: कुड़मी समुदाय के आंदोलन के दौरान आजसू पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता विभिन्न जिलों और रेलवे स्टेशनों पर आंदोलन में शामिल हुए और आवाज बुलंद की।
पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो मूरी रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों के साथ डटे रहे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा है कि आजसू लगातार कुड़मी समाज के साथ खड़ी रही है।
कुड़मी समुदाय धैर्य के साथ विगत 90 वर्षों से अपने साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय के खिलाफ लड़ता आ रहा है। इसके धैर्य की अब और परीक्षा नहीं ली जाए। अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार अविलंब फैसला लें।
श्री महतो आज मुरी में कुड़मी समाज के रेल टेका, डहर छेका आंदोलन में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
श्री महतो ने कहा कि कुड़मी समुदाय ने अपनी ताकत दिखा दी है। कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलाने की ऐतिहासिक मांग को लेकर झारखंड सहित आसपास के राज्यों में “रेल टेका–डहर छेका” आंदोलन का व्यापक रूप से सफल रहा है।
श्री महतो ने कहा कि कुड़मी समाज को 1931 में एसटी सूची से बाहर कर दिया गया था। तब से यह समाज अपने अधिकारों की लड़ाई लगातार लड़ रहा है।
सुदेश महतो ने राज्य झामुमो सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पहले शिबू सोरेन ने और 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं कुड़मी समाज की मांग को स्वीकार करते हुए उस पर अपनी सहमति जताई थी और हस्ताक्षर भी किए थे,
लेकिन आज वही झामुमो अपने रुख से पीछे हट रहा है। उन्होंने कहा, यह एक लंबी लड़ाई है।
जैसे देश की आज़ादी एक दिन में नहीं मिली, वैसे ही समाज ने समय के साथ जागरूकता और एकता के बल पर अपनी आवाज बुलंद की है।
परंतु वर्तमान सरकार इस विषय पर गंभीर नहीं दिख रही है और लगातार अपने रुख में बदलाव कर रही है।
सुदेश महतो ने बताया कि आजसू पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर 16 संगठनों के साथ मिलकर भारत सरकार के समक्ष रखा है और गंभीर विचार-विमर्श के लिए प्रस्ताव भी सौंपा है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालें, ताकि समाज का आक्रोश शांत हो और ऐतिहासिक न्याय सुनिश्चित हो सके।
गिरिडीह सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी और पूर्व विधायक डॉ. लम्बोदर महतो जोगेश्वर बिहार, चंद्रपुरा और पारसनाथ स्टेशनों पर आंदोलन में शामिल होने पहुंचे।
मांडू विधायक निर्मल महतो चरही स्टेशन पर आंदोलन का नेतृत्व किया ।
पूर्व विधायक सुनीता चौधरी ने बरकाकाना स्टेशन पर उपस्थित रही। बोकारो जिला अध्यक्ष सचिन महतो, पूर्व जिप सदस्य टिकैत महतो और नवीन महतो के साथ चंद्रपुरा स्टेशन पर सक्रिय रहे।
केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो सरायकेला के हेसालोंग में और केंद्रीय महासचिव संजीव महतो ने संथालपरगना में आंदोलन भाग लिया।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में आजसू नेता–कार्यकर्ता रेल पटरियों पर उतरे और परिचालन बाधित किया।