गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मनाया गया

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RANCHI: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मनाया गया।

शबद गायन एवं कथावाचन से संगत हुई निहाल
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में आज 24 अगस्त,रविवार को धन-धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मनाया गया।

इस उपलक्ष में सजाए गए विशेष दीवान की शुरुआत सुबह 7:40 बजे हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी द्वारा आसा दी वार कीर्तन से हुई।
गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह जी ने साथ संगत से गुरमत विचार साझा करते हुए गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश के बारे विस्तार से प्रकाश डाला।

और साध संगत को बताया कि श्री गुरुनानक देव जी से लेकर गुरु राम दास जी की वाणी श्री पोथी साहिब में लिखी जाती थी और वो पोथी गोइंदवाल साहिब(गुरु अर्जुन देव जी का ननिहाल) के बाबा मोहन सिंह के पास थी।

गुरु अर्जुन देव जी इस पोथी साहिब को अमृतसर ले आए और चंवर से इसकी सेवा करते रहे.सन 1602 में गुरु अर्जुन देव जी ने रामसर साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की रचना शुरू की।

जिसमें गुरु अर्जुन देव जी बोलते थे और भाई गुरदास जी लिखते थे.सन 1604 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश हुआ और पहला प्रकाश बाबा बुड्ढा जी ने किया।

उस समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में 974 अंग(पृष्ठ) थे और उसमें पांच गुरुओं की वाणी थी.श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला हुक्मनामा था

‘ संता के कारज आप खलोंया हर कम करावन आया राम’
फिर आगे चलकर श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने दमदमा साहिब में अन्य पांच गुरुओं की वाणी को संकलित कर इसका संपादन किया।

इस क्रम में उन्होंने वाणी का उच्चारण किया और भाई मनी सिंह जी ने उन वाणीयों को लिखने का काम किया।

और अंततः कुल 1430 अंग(पृष्ठ) का श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप तैयार हुआ,.इसके संपादन में नौ महीने,नौ दिन और नौ घड़ियां लगी.
इस दीवान में विशेष रूप से शिरकत करने पहुंच रहे सिख पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्था भाई सुखप्रीत सिंह जी (लखनऊ वाले) ने सुबह 9:00 बजे से 10:45 बजे तक ” गुर राम दास राखो शरनाई…… ” एवं ” संता के कारज आप खलोंया हर कम करावन आया राम….” तथा ” सो सतगुर प्यारा मेरे नाल है..” एवं “हम बैठे तुम देहो असीसां…..” जैसे कई शबद कीर्तन कर साध संगत को निहाल किया।

श्री आनंद साहिब जी के पाठ,अरदास,हुकुमनामा एवं कढ़ाह प्रशाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति सुबह 11:00 बजे हुई.इस मौके पर गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा गुरु का अटूट लंगर चलाया गया।

सत्संग सभा के प्रधान अर्जुन देव मिढ़ा एवं सचिव सुरेश मिढ़ा ने भाई सुखप्रीत सिंह जी एवं साथियों को गुरु घर का सारोपा देकर सम्मानित किया एवं प्रकाश पर्व में सहयोग के लिए विनोद मालाकार और गुड्डू साउंड को गुरु घर का सारोपा देकर नवाजा गया। कार्यक्रम का संचालन मनीष मिढ़ा ने किया।

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