दूसरी पारी को वरिष्ठ जन आसान खुद बनाएं

विजय मारू
RANCHI: क्रिकेट के मैदान में पहली पारी समाप्त होने के बाद ड्रेसिंग रूम में बहुत अहम बैठक की जाती है।
उसमें विचार होता है कि अब दूसरी पारी कैसे खेली जाए। यदि पहली पारी में बहुत अच्छा प्रदर्शन हुआ है और जीत की स्थिति में हैं, तो दूसरी पारी का खेल और सधा हुआ होगा, ताकि जीत सुनिश्चित की जा सके।
लेकिन यदि पहली पारी में चूक हुई है, तो टीम अपने आप को सुधारकर, नई रणनीति बनाकर मैदान में उतरती है और पूरी कोशिश करती है कि दूसरी पारी से जीत हासिल की जाए।
इसी तरह वरिष्ठ व्यक्तियों की जिंदगी की पहली पारी से आगे अब दूसरी पारी चल रही है और इस दूसरी पारी का अर्थ है जीवन के वे वर्ष जब नौकरी, व्यापार या नियमित कार्य से विराम मिल चुका है।
यह पारी आसान और आनंद में बने, यह हमारे ही हाथ में है। हमें अपनी जिंदगी की अहमियत को समझना होगा। जिंदगी के पलों को खेल-खेल में कुछ सरल और सुंदर तरीके से जीना होगा।
पहली पारी से सीखना
आज के नौजवानों को यह समझना चाहिए कि भविष्य की दूसरी पारी तभी सुंदर बनेगी जब पहली पारी में सोच-समझकर खेला जाए।
सेहत पर ध्यान देना, संतुलित जीवन जीना, बचत और निवेश करना, रिश्तों को निभाना – ये सब वही सावधानियां हैं जो आज से ही अपनी दिनचर्या में शामिल करनी होंगी।
अगर हम शुरू से यह अनुशासन अपना लें, तो दूसरी पारी की चुनौतियां बहुत कम हो जाएंगी। “भविष्य वही संभाल सकता है, जो वर्तमान में सजग रहता है।”
बुजुर्गों की तैयारी
जहां तक हम बुजुर्गों का सवाल है, हमारी दूसरी पारी तभी सुनहरी बनेगी जब हम स्वयं को संभालना सीखेंगे। यह समय केवल गुजारने का नहीं, बल्कि जीने का है।
उम्र बढ़ने का अर्थ थक जाना नहीं होता।
बल्कि यह अवसर है अनुभवों को साझा करने का, खुद को निखारने का और समाज में सार्थक योगदान देने का। “उम्र कमजोरी नहीं, अनुभव की ताकत होती है।”
स्वास्थ्य ही असली पूंजी
दूसरी पारी में सबसे पहली ज़रूरत है – स्वास्थ्य की। यदि शरीर और मन स्वस्थ हैं, तो जीवन का आनंद दोगुना हो जाता है।
थोड़ी-सी सैर, नियमित व्यायाम, योग, प्राणायाम, और संतुलित भोजन – ये साधारण-सी आदतें हमें बहुत बड़ी ताक़त देती हैं।
दवाइयों पर निर्भर होने से बेहतर है कि हम रोकथाम की आदत डालें। “धन से बढ़कर स्वास्थ्य है, और स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं।”
मानसिकता का बदलाव
जीवन की दूसरी पारी को लेकर सबसे बड़ी चुनौती मानसिक होती है। सेवानिवृत्ति के बाद अचानक लगता है कि काम की दुनिया से अलग हो गए, लोग हमें पहले जैसा महत्व नहीं दे रहे।
ऐसे में मन में खालीपन और उदासी घर कर सकती है। लेकिन अगर हम दृष्टिकोण बदलें और सोचें कि अब हमारे पास “अपनी पसंद का करने” का अवसर है, तो वही खालीपन उत्साह में बदल जाएगा।
नई रुचियां अपनाना – संगीत, लेखन, पेंटिंग, बागवानी या सामाजिक सेवा – मन को प्रसन्न रखती हैं। नई तकनीक सीखना, डिजिटल दुनिया से जुड़ना भी आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
“सोच बदलो, जीवन अपने आप बदल जाएगा।”
*रिश्तों की ताकत*
दूसरी पारी में रिश्ते ही असली सहारा बनते हैं। परिवार के साथ समय बिताना, बच्चों और पोते-पोतियों के साथ संवाद करना, जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है। दोस्ती का दायरा भी बनाए रखना चाहिए।
सच्चे मित्र कठिन समय में संबल देते हैं और जीवन के सफर को हल्का कर देते हैं। “रिश्ते वह पूंजी हैं, जो समय के साथ और अमीर बना देती है।”
समाज को लौटाना
हमारे अनुभव और ज्ञान समाज के लिए अनमोल हैं। यदि हम इन्हें युवा पीढ़ी के साथ साझा करें तो वे कई गलतियों से बच सकते हैं।
किसी जरूरतमंद की मदद करना, किसी संस्था से जुड़कर सेवा करना, बच्चों को पढ़ाना, पेड़ लगाना – ये छोटे-छोटे कार्य जीवन को बड़ी संतुष्टि देते हैं। “जीवन का सच्चा सुख, देने में है – न कि पाने में।”
‘नेवर से रिटायर्ड’ का दृष्टिकोण
जीवन का यह दर्शन हमें बताता है कि रिटायरमेंट केवल नौकरी से होता है, जीवन से नहीं। उम्र चाहे कितनी भी हो, मनुष्य हमेशा सक्रिय रह सकता है।
यदि हम अपने भीतर यह विश्वास जगा लें कि “हम कभी रिटायर्ड नहीं होंगे”, तो हर दिन एक नया अवसर लगेगा। “रिटायरमेंट काम से हो सकता है, जीवन से नहीं।”
निष्कर्ष
दूसरी पारी आसान और आनंदमयी तभी होगी जब हम इसे अपनी सोच और कर्म से आसान बनाएं। अगर पहली पारी में अच्छा खेल चुके हैं तो यह अवसर है कि और बेहतर खेल दिखाएं।
और यदि पहली पारी में कुछ कमियां रह गई हों, तो दूसरी पारी में उन्हें सुधारकर जीत की ओर बढ़ें।
जीवन की इस पारी में हमें दूसरों पर निर्भर कम रहना है, बल्कि इतना सक्षम बनना है कि हम जरूरतमंदों को सहारा दे सकें।
यही जीवन का असली सौंदर्य है – खुद जीना और दूसरों को जीने की राह दिखाना। “जीवन की जीत वह है, जब आप दूसरों की जिंदगी आसान बना दें।”
सभी लेख हिंदी व अंग्रेजी में हमारी वेबसाइट पर आप पढ़ सकते हैं – neversayretired.in
इन लिखो पर आधारित वीडियो हमारे नेवर से रिटायर्ड के यूट्यूब चैनल पर देखें।