कॉरपोरेट कंपनियां सरकार की योजनाओं पर सीएसआर फंड का करें इस्तेमाल: सुजीत कुमार

दो दिवसीस झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव का शुभारंभ, कॉरपोरेट कंपनियों व एनजीओ के प्रतिनिधि हुए शामिल
RANCHI: उड़ीसा के राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने कहा कि समाज के उत्थान में कॉरपोरेट वर्ल्ड का भी बड़ा योगदान है।
कॉरपोरेट कंपनियां धन और रोजगार दोनों का निर्माण करती है। इन कंपनियों के सीएसआर फंड के इस्तेमाल से समाज में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।
कॉरपोरेट कंपनियां अगर केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के साथ समवन्य बनाकर अपने सीएसआर फंड का सही इस्तेमाल करें, तो इसका लाभ अपेक्षित लोगों तक पहुंच सकता है।
इससे संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा और ज़मीनी स्तर पर लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। श्री सुजीत कुमार शुक्रवार को स्थानीय होटल में आयोजित दो दिवसीय झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
इस कॉन्क्लेव का आयोजन मिशन ब्लू फाउंडेशन, आईडिएट इंस्पायर इग्नाइट (आई3) फाउंडेशन और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है।
कॉन्क्लेव का थीम “सीएसआर फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ: ब्रिजिंग इंपैक्ट एंड इनोवेशन” है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि कॉरपोरेट कंपनियां लोकल प्रोडक्ट को भी प्रमोट करें।
लोकल फॉर वोकल के तहत बने प्रोडक्ट को बढ़ावा मिलेगा, तो इसका फायदा स्थानीय लोगों को होगा।
विशिष्ट अतिथि रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि झारखंड में सीएसआर फंड का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं हो पा रहा है।
केंद्र सरकार के दबाव में कंपनियां सीएसआर फंड के तहत काम कर रही है, लेकिन यह प्रर्याप्त नहीं है। कंपनियों से आग्रह है कि नियम के तहत सीएसआर फंड का इस्तेमाल करें।
विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद समीर उरांव ने कहा कि सीएसआर फंड का इस्तेमाल योजना बना कर करेंगे, तो बेहतर होगा।
साथ ही समाज के उत्थान और प्रगति में सीएसआर फंड सही कारगार साबित हो सकता है।
पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने सभी लोगों का स्वागत करते हुए कॉन्क्लेव के उद्देश्य की जानकारी देते हुए कहा कि इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव का उद्देश्य सीएसआर को झारखंड के विकास प्राथमिकताओं से जोड़ना और समाज के सबसे निचले पायदान तक प्रभाव पहुंचना है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में योगदा सत्संग के स्वामी कृष्णा दास, सीएमपीडीआइ के सीएसआर हेड संदीप भगत, जेयूटी के वीसी डॉ डीके सिंह ने भी अपने विचार रखे।
वहीं, कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने वाले एनजीओ को अॅवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
तकनीकी सत्र में जेएसपीएल के सीएसआर हेड प्रशांत होता, रिटायर्ड आइएस बी उरांव, ट्राइबल पॉलिसी मेकर अजमेरा बॉबी, रिटायर्ड आइपीएस राजकुमार लकड़ा,
जैन धर्म गुरू देवेंद्र, एनटीपीसी के प्राजेक्ट डायरेक्टर रविंद्र कुमार समेत अन्य वक्ताओं ने अपने बातों को रखा। कार्यक्रम में कई एनजीओ और कॉरपोरेट कंपनियों ने पावर प्वांइट के माध्यम से अपने कार्यो के बारे में जानकारी दी।
इसके अलावा बी2बी के तहत कॉरपोरेट कंपनियों के प्रतिनिधियों एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों ने एक दूसरे से मुलाकात कर अपने प्रस्ताव रखें।
डॉ पंकज सोनी ने कहा कि कॉनक्लेव के पांच मुख्य फोकस क्षेत्र रिसर्च और इन्क्यूबेशन, नवाचार और स्टार्टअप्स को सीएसआर से जोड़ना,
आदिवासी सामुदायिक विकास, आदिवासी समाज की आजीविका और सशक्तिकरण, खेल एवं कला-संस्कृति, स्थानीय प्रतिभा और परंपरा को बढ़ावा, स्वास्थ्य और शिक्षा गुणवत्तापूर्ण जीवन और शिक्षा तक पहुंच तथा इंडस्ट्री,
अकादमिक, गवर्नमेंट इंटरफेस, साझेदारी और नीति संवाद करना है।
इस अवसर पर पीएचडी चैंबर के वीसी एसपी अग्रवाल, पद्मश्री मधु मंसूरी, पद्मश्री चामी मुर्मू, पद्मश्री मुंकुद नायक,
पद्मश्री जमुना टूडू, पंकज सोनी, राजीव कुमार गुप्ता, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजुर, बीएसएनएल के जीएम उमेश प्रसाद साह समेत 500 से अधिक कॉर्पोरेट हाउस,
एनजीओ, विश्विविद्यालयों के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। शनिवार 23 अगस्त को कॉन्क्लेव का समापन होगा।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अन्नपुर्ण देवी मौजूद रहेंगी।