आंखो का महत्व मानवीय एवम सामाजिक जीवन मे महत्वपूर्ण: राधाकृष्ण किशोर

समाज मे विषमता को कम करना होगा तभी मन की आंखे स्वस्थ होगी
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने नेत्रदान संकल्प पत्र भर जनता को दिया नेत्रदान का संदेश
समारोह मे मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने वाले परिवारों एवं नेत्रदान से जुड़ी 30 संस्थाओं को वित्त मंत्री ने किया सम्मानित
कश्यप मेमोरियल आई बैंक में अब तक करीब 1015 कॉर्निया ट्रांसप्लांट
पिछले 5 सालों में 490 नेत्र प्रत्यारोपण
RANCHI: झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि आंखो का महत्व मानवीय एवम सामाजिक जीवन मे महत्वपूर्ण है।
आखो की रौशनी के बिना वैसे लोग अंधेरी गुफा मे जीवन व्यतीत करते है।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर रविवार को संत जेवियर्स कॉलेज मे कश्यप मेमोरियल आई बैंक की ओर से आयोजित 40 वा नेत्रदान पखवाड़ा के समापन समारोह मे उपरोक्त बाते कही।
इस मौके पर वित्त मंत्री ने समारोह मे मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने वाले परिवारों एवं नेत्रदान से जुड़ी संस्थाओं को सम्मानित किया।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर समाज के वातावरण और सिस्टम के आखो पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आखो के रहते जो लोग अंधे है उसका इलाज कैसे होगा?
मंत्री ने कहा कि इसका इलाज बौद्धिक सर्जरी से ही संभव है। वैसे तकनीकी जानकारी नेत्ररोग विशेषज्ञ ही दे सकते है।
मंत्री ने आखो की विशेषता पर शायराना अंदाज मे बताया कि नजर ऊंची कर दी तो दुआ बन गयी, नजर नीचे की तो हया(शर्म) बन गयी, नजर तिरछी की तो अदा बन गयी और नजर फेर दी तो खौफ बन गयी।
उन्होने कहा कि दृष्टि के लिए दौड रन फॉर विज़न का आयोजन प्रशंसनीय कार्य है।
नेत्रदान के प्रति लोगो को डॉ बीपी कश्यप एवम डॉ भारती कश्यप जागरूक कर रहे है काफी सराहनीय है। मैने भी नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि समाज मे ऊच नीच , अमीरी गरीबी को पाटने का काम समाज के बुद्धिजीवी वर्ग कर सकते है।
समाज मे विषमता को कम करना होगा तभी मन की आखे स्वस्थ होगी। मंत्री ने कहा कि जबतक सरकार मे हूं मन की आंखे खुला रखूंगा।
40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा में “ब्लाइंड फोल्डेड रन फॉर विजन” का भव्य आयोजन आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब एवं कश्यप मेमोरियल आई बैंक के संयुक्त तत्वावधान मे जेवियर्स कॉलेज परिसर, रांची में किया गया।
मुख्या अतिथि वित्त मंत्री राधाकृषण किशोर ने दौड़ को रंग बिरंगे बैलूनों को आसमान में उड़ाते हुए रवाना किया।
इस दौड़ में संत जेवियर्स कॉलेज एवं उर्सुलाइन इंटर कॉलेज रांची, NSS के सैकड़ो युवाओ एवं शहर के कई गणमान्य लोगों ने लिया।
ब्लाइंड फोल्डेड रन के बाद नेत्रदान जागरूकता रैली निकाली गई जिसमें वित्तमंत्री राराधाकृष्ण किशोर आई.एम.ए रांची एवं झारखंड, झारखण्ड स्टेट सर्विस एसोसिएशन, एफ.जे.सी.सी.आई, सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची एवं उर्सुलाइन इंटर कॉलेज रांची पदाधिकारियो ने भाग लिया।
नेत्रदान का संकल्प पत्र भरते वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर साथ मे डॉ बीपी कश्यप एवम डॉ भारती कश्यप
कार्यक्रम का स्वागत भाषण आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के अध्यक्ष अनुज सिन्हा के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
रन फॉर विजन के विजेताओं को आई-डेक प्रेजिडेंट अनुज सिन्हा, रजिस्ट्रार संत जेवियर्स कॉलेज डॉ. फादर प्रभात केनेडी सोरेंग, डॉ. प्रोफेसर अनिर्बन गुप्ता, आई.एम.ए. झारखण्ड के सचिव डॉ. प्रदीप सिंह,
आई.एम.ए. रांची के अध्यक्ष डॉ. शेखर चौधरी, सचिव डॉ पंकज बोदरा, झारखण्ड स्टेट सर्विस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. बिमलेश सिंह, एफ.जे.सी.सी.आई.
रांची के अध्यक्ष परेश गट्टानी, पदमश्री मुकुंद नायक एवं कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. बी. पी. कश्यप द्वारा सम्मानित किया गया।
नेत्रदान जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए आई.एम.ए रांची एवं झारखंड, झारखण्ड स्टेट सर्विस एसोसिएशन, एफ.जे.सी.सी.आई, सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची एवं उर्सुलाइन इंटर कॉलेज रांची के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
डॉ. भारती कश्यप, मेडिकल डायरेक्टर, कश्यप मेमोरियल आई बैंक ने बताया कि आज यहां कश्यप मेमोरियल आई बैंक और आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान मे हम लोग लगातार सातवीं बार ब्लाइंडफोल्डेड रन फॉर विजन का आयोजन कर रहे हैं।
यह 23वां रन फॉर विजन है। यह अपने आप में यूनिक है, अनूठा है।
इस तरह का आयोजन देश में किसी भी नेत्रदान जागरूकता से एसोसिएटेड संस्था के द्वारा नहीं किया गया है।
मुझे इस बात की खुशी है कि झारखंड बिहार का नेत्र प्रत्यारोपण की शुरुआत का श्रेय हमें प्राप्त है और आज भी झारखंड का सबसे ज्यादा नेत्र प्रत्यारोपण हमारी संस्था द्वारा किया जाता है।
नेत्रदान जागरूकता अभियान बहुत ही जरूरी है क्योंकि हमारे देश में प्रति वर्ष एक करोड़ लोगों की मृत्यु होती है, लेकिन मृत्यु उपरान्त मात्र 50000 कॉर्निया ही हमें मिलते हैं।
हमारे देश में 2.5 लाख लोगों को कॉर्निया की जरूरत है और मृत्यु उपरान्त मिले हुए 50000 कनिया में सिर्फ 30000 कार्निया का ही प्रत्यारोपण हो पाता है।
सप्लाई वर्सेस डिमांड के बीच का जो गैप है, इसका मुख्य कारण है हमारे समाज में नेत्रदान से जुड़ी गलत अवधारणाएं हैं जो कि बिल्कुल ही निराधार है।
हमारे यहां जो कॉर्नियल ब्लाइंडनेस है, इसको कम करने के लिए और आई डोनेशन को बढ़ाने के लिए एक मैटिकुलस सिस्टम और रिसोर्सेज की जरूरत है।
कार्यक्रम के अंत में कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिभूति कश्यप ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
और उन्होंने कर्यक्रम में मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों, नेत्रदान करने वाले लोगों के परिजनों एवं कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद कहा।