अल्कोहल की छोटी से छोटी मात्रा और सॉफ्ट ड्रिंक भी ह्रदय के लिए खतरनाक: डॉ हेमंत नारायण

वर्ल्ड हार्ट डे: भारत बना हृदय रोगियों की राजधानी, युवाओं में बढ़ रहा खतरा
धूम्रपान की वजह से हो रही है युवाओं में 90% हार्ट की बीमारी
हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं, ज्यादा फल, सब्जियां, मछली, सी-फूड और अखरोट को आहार का हिस्सा बनाएं
RANCHI : डोंट मिस अ बीट” थीम के साथ आज पूरी दुनिया में वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जा रहा है।
भारत के लिए यह दिन और भी अहम है क्योंकि यहां हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चिंताजनक बात यह है कि अब कम उम्र के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं।
रिम्स कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत नारायण आज विश्व ह्दय दिवस पर होटल रमाडा मे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस उपरोक्त जानकारी दी।
डॉ हेमंत नारायण का कहना है कि यूरोप और अमेरिका में जहां 65 साल की उम्र में हार्ट डिजीज होती है, वहीं भारत में यह बीमारी 45 साल की उम्र में ही लोगों को जकड़ लेती है,जब इंसान अपने परिवार और जिम्मेदारियों के चरम पर होता है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अल्कोहल की छोटी से छोटी मात्रा और सॉफ्ट ड्रिंक भी हृदय के लिए खतरनाक है। वहीं धूम्रपान हार्ट डिजीज का सबसे बड़ा कारण है।
सिर्फ रिम्स में ही पिछले एक महीने में 570 से अधिक एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की जा चुकी है।
आंकड़े बताते हैं कि युवाओं में 90% हार्ट की बीमारी धूम्रपान की वजह से हो रही है।
वर्ल्ड हार्ट डे पर डॉ. श्रेया ने प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों के बराबर है, जबकि आम धारणा इसके उलट है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं, ज्यादा फल, सब्जियां, मछली, सी-फूड और अखरोट को आहार का हिस्सा बनाएं।
डॉ. हेमंत नारायण ने कहा कि अगर परिवार में मां, बहन और बुआ की 55 या उससे पहले और दादा, चाचा, पापा की 65 साल या उससे पहले हार्ट अटैक हुआ है तो जेनेटिकली बीमारी होने का खतरा ज्यादा है।
खान-पान और लाइफस्टाइल मे बदलाव लाकर हम सभी हृदय की बीमारी से बच सकते है।