हमारा लक्ष्य भारत में शून्य कालाजार मामले : श्रीमती आराधना पटनायक

रांची में कालाजार उन्मूलन पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की शुरुआत
झारखंड सरकार कालाजार उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध: शशि प्रकाश झा
सभी 4 कालाजार प्रभावित राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल ने उन्मूलन के लक्ष्यों को किया प्राप्त
RANCHI: भारत में कालाजार उन्मूलन हेतु आज से रांची में दो दिवसीय उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की शुरूआत हुई।
समीक्षा बैठक का नेतृत्व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से किया। दो दिवसीय ( 25 -26 सितंबर) चलने वाली इस समीक्षा बैठक में झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में उन्मूलन लक्ष्य को प्राप्त करने के उपरांत आवश्यक निरंतर सर्वेक्षण एवं मोनिटोरींग गतिविधियों को और बेहतर करने के लिए व्यापक केंद्र, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तरीय कार्य योजना तैयार की जायेगी।
बैठक के उद्घाटन सत्र में वर्चुअल रूप से उपस्थित अपर स्वास्थ्य सचिव सह निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भारत सरकार श्रीमति आराधना पटनायक ने “ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट” रणनीति को समुदाय स्तर पर और बेहतर ढंग से लागू करने पर जोर दिया और बताया कि अब हमारा लक्ष्य भारत में शून्य काला-आजार मामलों की होनी चाहिए।
झारखंड सरकार की कालाजार उन्मूलन की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, शशि प्रकाश झा, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड ने कहा कि, “झारखंड कालाजार उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है
और बताया कि झारखंड ने कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है परंतु हमें इन क्षेत्रों में और अधिक ध्यान केंद्रित करने के साथ साथ गतिविधियों को निरंतर बनाये रखना है।
कालाजार उन्मूलन हेतु एकीकृत सूक्ष्म कार्ययोजना विकसित करने, गांव और ब्लॉक स्तर पर इसके उन्मूलन हेतु गतिविधियां जिसमें एंडेमिक गांवों के हर घर में कीटनाशी छिड़काव (आईआरएस) आवश्यक है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हम सभी को मिलकर कालाजार मामलों को शून्य करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।”
कार्यक्रम मे शामिल उपायुक्त पाकुर मनीष कुमार ने कालाजार उन्मूलन के लिए जिले मे किए जा रहे अभिनव प्रयासों के बारे में बताया और कहा कि एकीकृत कार्ययोजना, लगन एवं धैर्य के साथ जिले ने “जाग्रति से प्रगति” के मंत्र के साथ वर्ष 2019 मे 198 मामलों से 2025 में 85 मामलों तक का सफर तय किया है।
और राज्य की प्रतिबद्धता के साथ आने वाले समय में काला-आजार मामलों को शून्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
निदेशक एनसीवीबीडीसी, भारत सरकार, डॉ तनु जैन ने सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि, “
हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम लोगों को कालाजार से बचाने की दिशा में काम करें। संबद्ध विभागों, स्वयं सहायता समूहों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और डेवलपमेंट पार्टनर्स के संयुक्त प्रयासों से हमें भारत को काला-आजार मुक्त करने में मदद मिलेगी।”
डॉ जैन ने झारखंड की सराहना करते हुए कहा कि राज्य ने विषम भौगोलिक परिस्तिथियों, आदिवासी समुदाय एवं दूरगामी क्षेत्रों के बावजूद काला-आजार उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति कर ली है।
और बेहतर सर्वेक्षण एवं वैक्टर मैनेजमेंट से संक्रमण पर काबू किया है ।
कार्यशाला के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए संयुक्त निदेशक एनसीवीबीडीसी, भारत सरकार, डॉ छवि पंत जोशी ने बताया की देश मे अब तक 365 काला-आजार के मामले दर्ज किए गए है हालांकि हमने कालाजार का उन्मूलन लक्ष्य – प्रति 10,000 आबादी पर कालाजार के 1 से कम मामले, को प्राप्त कर लिया है और इस कार्यशाला में हमे काला-आजार के बेहतर सर्वेक्षण और रिपोर्टिंग पर एक रणनीति बनानी है जिससे वैश्विक स्तर पर भारत को काला-आजार मुक्त घोषित किया जा सके।
डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वैक्टर जनित रोग, झारखंड ने बताया कि झारखंड ने वर्ष 2023 में उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और बालू मक्खी के काटने से फैलने वाली काला-आजार बीमारी से समुदाय को बचाने के लिए समय-समय पर घर के अंदर कीटनाशकों के छिड़काव से बालू मक्खी पर नियंत्रण किया जा रहा है।
इसके साथ ही बुखार के मरीजों का टेस्ट कर समय से पहचान और उपचार सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे कालाजार के संक्रमण को रोका जा सका।
झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के राज्य कार्यक्रम अधिकारी, एंडेमिक जिलों के जिला स्तरीय पदाधिकारी और डब्ल्यूएचओ, गेट्स फाउंडेशन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल,
ग्लोबल हेल्थ स्ट्रैटजीज, पाथ, केयर और डब्लू.जे.सी.एफ. सहित राज्यस्तरीय सलाहकार उपस्थिति थे।
बैठक के अगले दो दिवसों में कार्य योजना के विकास पर सक्रिय रूप से विचार-विमर्श किया जायेगा।