अधिवक्ता समाज को सिंहावलोकन की जरूरत: राकेश लाल

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अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के स्थापना दिवस पखवाड़ा के उपलक्ष्य विशेष गोष्ठी का आयोजन 

RANCHI: अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के स्थापना दिवस पखवाड़ा के उपलक्ष्य में झारखण्ड उच्च न्यायालय अधिवक्ता परिषद इकाई के द्वारा झारखण्ड उच्च न्यायालय परिसर के हॉल नंबर 5 में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन झारखण्ड उच्च न्यायालय इकाई के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार कश्यप की अध्यक्षता में किया गया।

जिसमें अधिवक्ता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रशांत विद्यार्थी एवं क्षेत्रीय संगठन आयाम प्रमुख आरo केo मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।

गोष्ठी में भारत में इन दिनों जोर-शोर से हो रहे अवैध घुसपैठिए पर ध्यान आकृष्ट करते हुए “अवैध अप्रवासन ; राष्ट्रीय सभ्यतागत खतरा” (Illegal Immigration Civilizational threats to the Nation) नामक विषय पर विशिष्ट चर्चा की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के संस्थापक श्री दत्तो पंत जी ठेंगड़ी के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर उपस्थित अतिथियों के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह प्रमुख वक्ता के रूप में प्रख्यात समाज सेवी राकेश लाल के द्वारा स्थापना दिवस की महत्व पर प्रकाश डालते हुए यह बतलाया गया कि हमें अपने सिंहावलोकन की जरूरत है।

जिसके तहत पीछे की ओर देखना उससे सीख लेना और आगे की महत्वपूर्ण रणनीति बनाना प्रमुख कार्य होता है।

उन्होंने कहा कि इतिहास से हमे सीख लेना चाहिए की घुसपैठियों की सभ्यता, उनकी विचारधारा और वर्तमान में हो रहें परिवर्तन कितने खतरनाक एवं राष्ट्रद्रोही है।

तथा यह सामाजिक संरचना को कैसे दिन रात खोखला करने में लगे है और देश को बरबादी की ओर ले जाने के लिए अग्रसर है अतः हमें आत्मचिंतन करना होगा और आगे की रणनीति बनाकर इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करना होगा।

वहीं दूसरी ओर विषय प्रवेश करवाते हुए उच्च न्यायालय के प्रख्यात अधिवक्ता श्री मनोज टंडन के द्वारा बताया गया कि घुसपैठिए आतें है, छोटे छोटे काम करते है।

और समाज में ही छुपे समाज के दुश्मनों के सहयोग से आसानी से आधार बनवाते है और फिर धीरे धीरे यहां के स्थाई नागरिक बन जाते है जिसे रोकने वाला कोई नहीं है इसें हमे कड़े कानूनों के द्वारा रोकना होगा।

इसके पश्चात नव निर्वाचित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया प्रशांत पल्लव ने बताया कि अवैध घुसपैठियों को अर्थ दंड, सरकारी योजनाओं में रोक, मताधिकार पर रोक एवं सजा के कड़े प्रावधान होने चाहिए ताकि तुष्टिकरण की राजनीति खत्म की जा सके।

वहीं मंचासिन झारखण्ड राज्य विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा के द्वारा यह जोर देकर कहा गया कि रिफ्यूजी के लिए एक किनारे में जगह हो तथा NRC जैसे कड़े प्रावधानों को लागू करते हुए यह ध्यान देना चाहिए कि वो कही भी स्थाई रूप से बस नहीं सके।

तथा अधिवक्ता परिषद को स्टडी सर्किल के माध्यम से इसकी जानकारी सुदूर इलाकों के कचहरी तक स्टडी सर्किल के द्वारा अधिवक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए।

वहीं वरीय अधिवक्ता श्री आरo एनo सहाय ने कहा कि अवैध घुसपैठिए की समस्या को हम सभी अधिवक्ताओं को लड़कर रोकना होगा नहीं तो हमारी संस्कृति मिट जाएगी।

दूसरी ओर मंचासीन वरीय अधिवक्ता एवं परिषद के झारखण्ड उच्च न्यायालय इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार कश्यप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह कहा कि अधिवक्ता परिषद समाज के ऐसे ही गंभीर विषयों को उठाने वाली संस्था है जोकि समस्याओं का आकलन कर समाज में न्याय की लौ को फैलाती है।

उन्होंने युवा अधिवक्ताओं का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि आप ही वर्तमान है और भविष्य भी है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवैध घुसपैठियों के विषय में की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए आपको आगे आना होगा और बदलाव लाना होगा l
कार्यक्रम में मंच संचालन प्रदेश मंत्री श्रीमती नीता कृष्णा, अतिथियों तथा उपस्थित अधिवक्ताओं का स्वागत अवनीश रंजन मिश्रा एवं अधिवक्ता परिषद का परिचय श्री पवन कुमार पाठक के द्वारा किया गया।

झारखंड एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्षा श्रीमती ऋतु कुमार इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासिन रही इससे पूर्व श्रीमती इंदु परासर ने वन्दे मातरम् गान किया गया l कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन उच्च न्यायालय के प्रख्यात अधिवक्ता श्री प्रभात कुमार सिन्हा के द्वारा किया गया l वहीं शांति पाठ प्रदेश सचिव श्री राधा कृष्ण गुप्ता के द्वारा कराया गया l इस पूरे कार्यक्रम में 100 से अधिक अधिवक्ताओं ने भाग लिया जिसमें मुख्य रूप से प्रांत के ट्रेजरर सुनील कुमार, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी रीतेश कुमार बॉबी,

श्रीमती बक्शी विभा, श्रीमती किरण सुषमा खोया, श्रीमती लीना मुखर्जी, श्रीमती साधना कुमार, श्रीमती नीतू सिन्हा, श्रीमती निक्की सिन्हा, श्रीमती श्रेष्ठा मेहता,

अखौरी अंजनी कुमार, शेखर सिन्हा, हराधन प्रमाणिक, कुमार हर्ष, प्रवीण कुमार पाण्डेय, रवि प्रकाश, रोमित कुमार,

अवनीश रंजन, अमित सिन्हा, संजय सिंह, दिवाकर झा, रवि कुमार सिंह, श्रीमती रत्न प्रभा, प्रीति सिन्हा, अभिजीत कुमार सिंह, ज्योति प्रसाद सिन्हा, लक्ष्मण कुमार, सविता कुमारी, पूनम वर्मा, चंदा कुमारी,

लाल ज्ञान रंजन नाथ शाहदेव, श्रीनु गणपति, अविनाश कुमार श्रीवास्तव, विजय कुमार, आशुतोष कुमार दूबे, ओमकार नाथ तिवारी, अजय कुमार सिंह, शालिनि कुमारी, मनोरंजय नाथ शाहदेव, विशाल कुमार,

नीलम तिवारी, अंजनी सहाय, सत्येंद्र कुमार सिंह, अमरेंद्र कुमार के अलावा कई गणमान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता उपस्थित रहे।

यह जानकारी झारखण्ड अधिवक्ता परिषद के प्रांत मीडिया सह प्रमुख श्री रीतेश कुमार बॉबी के द्वारा दी गई।

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