एम्स, नई दिल्ली के तर्ज पर रिम्स के एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों को मिलेगा स्टाइपेंड

रिम्स की वित्त एवं लेखा समिति की बैठक में 15 प्रस्तावों पर मुहर
रिम्स मे होगा स्टाइपेंड में वृद्धि
RANCHI: रिम्स (राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान) की स्थायी वित्त एवं लेखा समिति की अहम बैठक गुरुवार को अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
इस बैठक में कुल 15 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिनमें से अधिकांश को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
बैठक में सहायक प्राध्यापक और वरीय रेजिडेंट के 9 नए पदों पर नियुक्ति का निर्णय लिया गया। साथ ही, रिम्स में अन्य रिक्त पदों को भरने का भी रास्ता साफ किया गया है।
समिति ने रिम्स द्वारा प्रस्तावित कुछ नए पदों के सृजन के अनुरोध पर वेतनमान और शैक्षणिक योग्यता स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
ब्लड मोबाइल ट्रांसपोर्टेशन वैन के लिए उपलब्ध बजट का उपयोग कर वाहन क्रय करने की अनुमति भी प्रदान की गई।
एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों के स्टाइपेंड में वृद्धि
एक बड़े निर्णय में समिति ने एम्स, नई दिल्ली के तर्ज पर रिम्स के एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों के स्टाइपेंड में वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया।
वित्तीय पारदर्शिता और आधारभूत ढांचे पर विशेष जोर
रिम्स के द्वारा प्रस्तुत 2023-24 के वार्षिक लेखा विवरण (Annual Accounts) को समिति ने सैद्धांतिक रूप से अनुमोदित किया, लेकिन अंतिम मंजूरी के लिए CAG से अप्रूवल लेने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा रिम्स को निर्देश दिया गया कि रिमपास की तर्ज पर संस्थान की सभी इमारतों का आधुनिकीकरण किया जाए ताकि मरीजों को कोई असुविधा न हो।
ट्रॉमा सेंटर और नई सुविधाएं
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि रिम्स परिसर में स्थित बीएसएनएल भवन की जर्जर स्थिति के कारण उसे ढहाकर वहां ट्रॉमा सेंटर बनाया जाएगा।
भवन निर्माण विभाग द्वारा इसे पहले ही “कंडम” घोषित किया जा चुका है।
प्रशासनिक दिशा-निर्देश
बैठक के अंत में अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी मामला टेंडर से पहले समिति में लाया जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया के बाद किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा।
इसके साथ ही, HMIS प्रणाली को सीडैक के माध्यम से लागू करने और दो स्थानों पर उच्च गुणवत्ता वाली कैंटीन सेवाएं शुरू करने का निर्णय भी लिया गया।
इसके लिए झारखंड भवन की टेंडर प्रक्रिया को मॉडल के रूप में अपनाया जाएगा।
यह बैठक रिम्स के प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों को नई दिशा देने की दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में मरीजों और छात्रों—दोनों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।