किशोरावस्था सबसे महत्वपूर्ण : अभियान निदेशक

राज्य भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रत्येक माह के पहले शनिवार को मनेगा उमंग दिवस
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड की ओर से 10 से 19 वर्ष तक के आयु वर्ग के किशोर किशोरियों के लिए यह कार्यक्रम पहली बार आरम्भ हो रहा है
RANCHI: किशोर किशोरियों में स्वस्थ व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य् से प्रत्येक माह के प्रथम शनिवार को राज्य भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में उमंग दिवस का आयोजन किया जायेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड की ओर से 10 से 19 वर्ष तक के आयु वर्ग के किशोर किशोरियों के लिए यह कार्यक्रम पहली बार आरम्भ हो रहा है।
इसकी तैयारियों, जागरुकता और समन्वय को लेकर सोमवार को नामकुम स्थित लोक स्वास्थ्य संस्थान सभागार में राज्य स्तरीय दो दिवसीय कन्सल्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम और यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का सोमवार को कार्यक्रम का पहला दिन था,
इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कोषांगों के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परामर्शी, समन्वयक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम समन्वयक, अर्श काउंसलर,
पियर एजुकेटर शिक्षा विभाग, जेएसएलपीएस, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रतिनिधि सहित स्वास्थ्य विभाग के साथ जुड़कर काम करने वाले डेवलपमेंट पार्टनर्स के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड के अभियान निदेशक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम राज्य के किशोर शक्ति को सही दिशा और अच्छा मार्गदर्शन देने में सकारात्मक भूमिका अदा करेगा।
उन्होंने कहा कि टीन एज का समय काफी महत्वपूर्ण होता है। यही वह समय है जब किशोर अच्छे या बुरे रास्ते को अपनाते हैं।
सही समय पर उन्हें गलत बातों के परिणामों की जानकारी सही मार्ग पर अग्रसर करेगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बीमार होने से अच्छा है कि स्वस्थ जीवन शैली व्यवहार को अपना कर अपने शरीर को निरोगी बनायें।
अभियान निदेशक ने आशा (स्वास्थ्य सहिया), आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम और एडोलसेंट की प्रभावी भूमिका की भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि इन सभी चारों ए के सहयोग से हम स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समुदाय स्तर पर सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं।
अभियान निदेशक ने उमंग दिवस के आयोजन से संबंधित पोस्टर और मार्गदर्शिका का भी लोकार्पण किया।
मातृत्व कोषांग की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ० पुष्पा ने कहा कि हाल के दिनों में किशोर किशोरियों में आत्महत्या की प्रवृति बढ़ी है।
मोबाईल एडिक्शन बढ़ा है। बाल विवाह और टीन एज प्रेग्नेंसी के मामले भी बढ़े हैं। हम सबों को इन सभी मुद्दों पर किशोर किशोरियों से बात करनी चाहिए और उन्हें उचित परामर्श देना चाहिए।
शिशु स्वास्थ्य कोषांग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ० एल आर पाठक ने कहा कि बदलते जीवन शैली के बीच अब उनका भी निरन्तर स्क्रीनिंग करने की आवश्यकता है।
आईईसी कोषांग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ० लाल मांझी ने किशोर किशोरियों में बढ़ते तनाव और मोटापा पर अपनी चिता व्यक्त की।
कार्यक्रम में डॉ० कमलेश, डॉ० बिरेन्द्र कुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन राज्य कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती अकय मिंज ने किया, वहीं कार्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की राज्य समन्वयक रफत फरजाना ने पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया।