उग्रवादियों द्वारा सुदेश महतो की हत्या की साजिश की हो जांच : आजसू पार्टी

आजसू नेताओं ने मुख्य सचिव व डीजीपी को सौंपा ज्ञापन
मुख्य सचिव एवं डीजीपी ने दिया
जांच करवाने का आश्वासन
RANCHI: आजसू पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव तथा डीजीपी से मिला।
और स्मारपत्र सौंपकर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख सुदेश महतो की हत्या की साजिश उग्रवादियों द्वारा बार बार रचे जाने और उनका नाम हिटलिस्ट में रखने की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से करवाने और उनकी सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा करने की मांग की।
मुख्य सचिव अलका तिवारी तथा डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आजसू प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उग्रवादियों की हिटलिस्ट में सुदेश कुमार महतो का नाम बार बार आने के संबंध में जांच करवाई जाएगी।
आजसू पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि सुदेश महतो लगातार उग्रवादियों के निशाने पर क्यों हैं?
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो, मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, केंद्रीय उपाध्यक्ष द्वय प्रवीण प्रभाकर एवं हसन अंसारी शामिल थे।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने बताया कि बार बार उग्रवादियों द्वारा सुदेश महतो की हत्या की साजिश की जानकारी सामने आती रहती है,
लेकिन इसके कारणों का अभी तक पुलिस द्वारा खुलासा नहीं किया गया है।
इस संबंध में पार्टी नेताओं ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से मिलकर स्मारपत्र सौंपा।
डॉ भगत ने कहा कि विगत 5 अगस्त को गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पीएलएफआई उग्रवादी मार्टिन केरकेट्टा ने भी सुदेश महतो को अपनी हिटलिस्ट में रखा था
और हमले की फिराक में था।
उसने 2023 में अनगड़ा थाना क्षेत्र में बैठक कर सुदेश महतो की हत्या की योजना बनाई थी, जिसका खुलासा पुलिस ने किया था।
उग्रवादियों ने अपने सदस्य देव सिंह मुंडा को योजना के तहत आजसू पार्टी में शामिल भी करवाया था।
हसन अंसारी ने कहा कि इससे पूर्व किसी राजनेता द्वारा सुदेश महतो की हत्या के लिए उग्रवादियों को 5 करोड़ रुपयों की सुपारी देने की बात सामने आ चुकी है।
इस बात का खुलासा होना चाहिए कि बार बार किस कारण से हत्या की साजिश रची जा रही है और इस साजिश के पीछे कौन है?
आजसू नेताओं ने कहा कि 2005 में सिल्ली से पोगड़ा जाने के रास्ते में केन बम लगाने की साजिश सामने आई थी।
2013 में पीएलएफआई कमांडर जीदन गुड़िया द्वारा किसी राजनेता से 5 करोड़ की सुपारी ली गई थी, जिसके बाद 27 एवं 28 जनवरी 2014 को सिल्ली प्रतिभा महोत्सव में टाइम बम लगाकर हमले का प्रयास किया गया।
इसमें विफल होने पर 26 फरवरी 2014 को जोन्हा में एक विवाह समारोह में हमले की योजना बनाई गई, जिसे पुलिस और ग्रामीणों की तत्परता से विफल किया गया।
बाद में खुलासा हुआ कि एक उग्रवादी देव सिंह मुंडा को साजिश के तहत आजसू में शामिल भी करवाया गया था।
आजसू नेताओं ने बताया कि पीएलएफआई द्वारा 2014 में पार्टी के केंद्रीय महासचिव स्व तिलेश्वर साहु की भी हत्या हजारीबाग जिले के बरही में कर दी गई थी।
पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस को सुरक्षा देने की मांग भी की
आजसू नेताओं ने डीजीपी से मांग की कि पूर्व मंत्री एवं पार्टी के प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस की भी सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिसे तुरंत वापस किया जाए।