प्रसिद्ध चावल वैज्ञानिक डॉ एससी प्रसाद नहीं रहे, बीएयू में शोक सभा

 

 

RANCHI: प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एवं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के अवकाशप्राप्त प्रोफेसर डॉ एससी प्रसाद का मंगलवार को मोरबादी स्थित उनके आवास पर देहांत हो गया।

वह 86 वर्ष के थे।उनके निधन पर बुधवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ एसके पाल की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया

जिसमें शिक्षकों ने उनके वैज्ञानिक योगदान, प्रशासनिक क्षमता और मानवीय गुणों की चर्चा की तथा 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

सन् 1937 में इचाक, हजारीबाग में जन्मे डॉ प्रसाद ने वर्ष 1956 में रांची कृषि महाविद्यालय में रिसर्च असिस्टेंट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की

और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक के रूप में 1997 में अवकाश ग्रहण किया। देश-विदेश के प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल में उनके लगभग 150 शोध पत्र प्रकाशित थे।

झारखंड की मिट्टी एवं आबोहवा में बेहतर उत्पादन देने वाले चावल के एक दर्जन से अधिक प्रभेदों के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।

जांबिया सरकार, दक्षिण अफ्रीका, भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलिपींस तथा इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट के लिए भी उन्होंने वर्षों तक कार्य किया।

बीएयू के अवकाश प्राप्त निदेशक छात्र कल्याण डॉ जयदेव मंडल का भी बुधवार को सुबह उनके अरसंडे, कांके स्थित आवास पर देहावसान हो गया।

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