कोर्ट फीस वृद्धि से आम लोगों को नहीं मिलेगा सुलभ न्याय : पंकज श्रीवास्तव

अखिल झारखंड अधिवक्ता संघ का प्रतिनिधिमंडल सुदेश महतो से मिला

RANCHI: अखिल झारखंड अधिवक्ता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल आज आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो से मिला एवं राज्य में कोर्ट फीस में की गयी अप्रत्याशित वृद्वि के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की ।

पूर्व न्यायाधीश सह सेवानिवृत प्रधान सचिव, झारखंड पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड सरकार ने बिना किसी चर्चा के कोर्ट फीस में कई गुना वृद्धि कर दी है।

ऐसे ही आम जनता न्याय से कोसों दूर है और ऐसी नीतियों के कारण अब स्थिति और भयावह हो जायेगी। हमारा प्रयास होना चाहिए कि

आम जनता को सुलभता से न्याय मिले, लेकिन सरकार की मंशा इसके बिल्कुल विपरीत है।

एक ओर बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में अधिकतम कोर्ट फीस 50 हजार से 75 हजार रुपए के बीच है।

वहीं झारखंड में इस अधिसूचना के जारी होने के बाद यह कोर्ट की अधिकतम राशि 50 हजार से बढकर तीन लाख तक हो गया है।

अखिल झारखंड अधिवक्ता संघ के प्रधान महासचिव भरत चन्द्र महतो ने कहा कि अखिल झारखंड अधिवक्ता संघ सरकार से यह मांग करती है कि

जनहित को देखते हुए झारखंड कोर्ट फीस अमेंडमेंट एक्ट-2022 को अविलंब वापस ले, अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट अविलंब लागू करे तथा

25 सीआरपीसी के तहत सभी जिला न्यायालय में लोक अभियोजक एवं सहायक लोक अभियोजक की अविलंब नियुक्ति करे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कोर्ट फीस में की गयी वृद्वि वापस नहीं लेती है तो

अखिल झारखंड अधिवक्ता संघ सड़क में उतर कर इसका विरोध करेगी। प्रतिनिधिमंडल में अखिल झारखंड अधिवक्ता संघ के प्रदेश प्रधान महासचिव भरत चंद्र महतो,

उपाध्यक्ष दिनेश चैधरी, हाईकोर्ट अध्यक्ष मेल प्रकाश तिर्की, निरंजन राम, राजेश सिंह, मिडिया प्रभारी मृत्युंजय प्रसाद ,द्रौपदी कुमारी महतो समेत कई अधिवक्ता शामिल थे।

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