राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने दी ऋषि सुनक को बधाई

पहले भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनने पर ख़ुशी जाहिर की
RANCHI : राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने ब्रिटेन के इतिहास में पहले भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनने पर ख़ुशी जाहिर की है.
श्री मारु ने कहा कि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत एवं ब्रिटेन के बीच और बेहतर सम्बन्ध होंगे।
उन्होंने कहा सुनक की लोकप्रियता के कारण उन्हें पाकिस्तान के सांसदों का भी समर्थन मिला।
सुनक नारायण मूर्ति के दामाद हैं। यह बड़ी ख़ुशी की बात है की सुनक भारतीय परंपरा को मानते हैं।
श्री मारू ने कहा की सुनक कोरोना काल में ब्रिटेन को बचाया।
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक के समक्ष आने वाले समय अनेक चुनौतियाँ होंगी।
सर्वप्रथम उन्हें ब्रिटेन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा।
उनके समक्ष एक बड़ी चुनौती कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को एकजुट करना होगा। इनमें दो राय नहीं की सुनक को ब्रिटेन में भारी लोकप्रियता है।
यही वजह है की पाकिस्तानी सांसदों ने भी उनका समर्थन किया।
ब्रिटैन में पिछले एक वर्ष से वह की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गयी। इसकी वजह से जॉनसन एवं लीज टस को इस्तीफा देना पड़ा।
अब आने वाला समय ही बताएगा कि ब्रिटेन का भारत से कैसा रिश्ता रहता है।
हाँ इतना जरूर है की सुनक के प्रधानमंत्री बनने से वहां के भारतीय मूल के लोगों में ख़ुशी की लहर है।
हालांकि सुनक वही करेंगे जो ब्रिटेन के हित में होगा। सुनक अपने देश में निवेशकों को लाने का प्रयास करेंगे।
रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। नस्लवाद एक ऐसी समस्या है जिससे सुनक को शांति से निपटना होगा।
कुल मिलाकर सुनक के लिए ब्रिटेन को चलाना एवं वहां ख़ुशी का माहौल लाना आसान नहीं।
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने आशा व्यक्त की है कि सुनक अपने देश ब्रिटेन के लिए अपना श्रेष्ठ देंगे।
विदेशी मिडिया में सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने को लेकर आलोचना एवं प्रशंसा दोनों हो रही है।
लेकिन ब्रिटेन के लोगों में इस बात को लेकर खुंशी है उनके देश में किसी भी धर्म का व्यक्ति प्रधानमंत्री हो सकता है।
राज्य में पर्यटन की भारी संभावना, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कदम उठाने का किया आग्रह
RANCHI: राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने राज्य में पर्यटन की भारी संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कदम उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन का विकास योजना वृहद ढंग से करने की जरुरत है।
उन्होंने कहा की राज्य में पर्यटन को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा की 2001 से पूर्व ही राज्य में पर्यटन के विकास के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति की गयी थी परन्तु विकास की दिशा में कोई खास काम नहीं हो सका।
झारखण्ड के धार्मिक स्थलों को भी भव्य रूप से विकसित किया जा सकता है।
इनमें रजरप्पा, पारसनाथ, देवघर है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड का सौंदर्य एवं वातावरण अदभुत है।