झारखंड में प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होमों का आय़ुष्मान भारत योजना का दो सौ करोड़ रुपया बकाया

RANCHI: झारखंड के सभी प्राइवेट अस्पताल एवं नर्सिंग होम में आय़ुष्मान भारत योजना के तहत गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज विगत कुछ वर्षों से लगातार किया जा रहा है।
इन अस्पतालों एवं नर्सिंग होम का इंश्योरेंस कंपनी के पास दो सौ करोड़ रुपया का बकाया है जिसके कारण प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में मरीजों का खासकर आय़ुष्मान भारत योजना के तहत इलाज प्रभावित हो रहा है।
रांची आईमए अध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सरकार की शिथिलता के कारण कछुआ गति से बकाया राशि का भुगतान धीरे धीरे किया जा रहा है।
जिसके कारण अस्पताल प्रबंधन को काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ सिंह ने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत योजना की बकाया राशि का भुगतान कराने की दिशा पर कोई पहल नहीं कर रही है। जिसके कारण अस्पताल एवं नर्सिंग होम संचालकों में रोष व्याप्त है।
डॉ शंभू प्रांरसाद सिंह ने कहा कि रांची आईएमए की ओर डॉक्टर्स डे के बाद आंदोलन की रणनीति पर चर्चा होगी।
झारखंड आईएमए के महासचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की बकाया राशि का भुगतान इतना धीरे चल रहा है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज का बैकलॉक बढ़ जाता है।
इस हालात में गरीब मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत बंद हो जायेगा। डॉ शंभू प्रसाद सिंह ने कहा कि अब बहुत हो गया है।
सरकार डॉक्टरों की सहनशीलता की परीक्षा ना लें। जानकारों का कहना है कि राज्य में अकेले स्वास्थ्य विभाग एवं उनके संसाधन से राज्य की जनता समुचित इलाज संभव नहीं है।
राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम की महत्वपूर्ण सहभागिता है।
इनके बिना राज्य में स्वास्थ्य सुविधा की परिकल्पना भी नहीं किया जा सकता है। राज्य के कई प्राइवेट अस्पतालों में सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा बहाल है।
जबकि राज्य का एक मात्र चिकित्सा संस्थान, रिम्स में ही सुपर स्पेशलिटी विंग कार्यरत् है वहां भी संसाधनों की घोर कमी है जिसके कारण आम लोग प्राइवेट अस्पतालों का रुख करते हैं।