परिवार नियोजन से संबद्ध आकड़ों को और बेहतर बनाने के लिए स्वयसेवी संस्थाओं को मिशन मोड में आने की अपील

RANCHI: स्टेट फैमिली प्लानिंग के उप निदेशक-सह नोडल पदाधिकारी डॉ अनिल ने राज्य में परिवार नियोजन से सम्बद्ध आंकड़ों को और बेहतर बनाने में स्वयं सेवी संस्थाओं से मिशन मोड में आगे आने की अपील की।
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर राज्य स्वास्थ्य के सभी संकेतकों में बेहतर काम कर रहा है लेकिन इसे और बेहतर बनाने की जरूरत है।
वह आज होटल लिलेक में द एडवोकेसी एंड अकॉउंटेबलिटी कोलेबेराटिव (टैक हब) द्वारा आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि झारखंड में किशोर-किशोरियों की संख्या राष्ट्रीय औसत से थोड़ा ज्यादा है।ये वो आबादी है जिसके लिए रिप्रोडक्टिव एजुकेशन की जरूरत है।
आंकड़े बताते हैं कि राज्य में दो लाख किशोर लड़कियों 19 साल तक के उम्र में बच्चे को जन्म दे रहीं हैं। यह उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
उन्होंने सिविल सोसाइटी से आह्वान किया कि इस मामले को लेकर सघन अभियान चलाये। अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहयोग करेगा।
इस अवसर पर राज्य परिवार नियोजन कंसलटेंट गुंजन खलखो ने राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे परिवार नियोजन के कार्यक्रमों की जानकारी दी।
परिवार नियोजन के कार्यक्रमों के साथ साहिया के माध्यम से गांव-गांव तक परिवार नियोजन के साधनों से लोगों को जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने टैक हब के सहयोगी संस्थाओं से उन जिलों में जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया जहां के आंकड़े बेहतर नही है।
झारखंड में कार्यरत सीएसआर कौंसिल की समन्यवक ज्योति ने बताया कि कौंसिल में 62 कंपनियां लिस्टेड हैं। कंपनियों का सामाजिक उत्तरदायित्व है कि वे अपने कार्य क्षेत्र में सामाजिक विकास के कार्य करें। उन्होंने स्वास्थ्य और विशेषकर प्रजनन स्वास्थ्य पर कंपनियों को प्रस्ताव देने की जरूरत बताई।
इस मौके पर टैक हब के कोऑर्डिनेटर अमित घोष, सुजाता तिर्की,जपियगो के मदुरेश आदि ने विचार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों के स्वयमसेवी संस्थाओं के लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।