होटल रांचीअशोक के 19 कर्मचारी 7 मई को करेंगे आत्मदाह

होटल रांचीअशोक

पिछले पांच साल से कर्माचारियों को नहीं मिली एक फुटी कौड़ी

RANCHI : चाहे सरकारी हो या प्राइवेट सेक्टर के मजदूर या कामगार सभी जगहों में मजदूरों, कामगारों एवं श्रमिकों का लगातार हो रहे शोषण की एक बानगी यह है। होटल रांची अशोक के कर्मचारियों को पिछले पांच साल से एक फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। वेतन की आस में दो कर्मचारियों (महादेव उरांव व सत्येंद्र कुमार सिंह) ने दम तोड़ दिया। थक हार कर होटल के 19 कर्मचारियों ने होटल के सामने सामूहिक आत्मदाह का निर्णय लिया है। इसके लिये कर्मचारियों ने 7 मई की तिथि तय की है। इस बारे में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री व विभागीय पदाधिकारियों को भी ई-मेल के जरिये सारी जानकारी दे दी है। कर्मचारियों को वेतन मिले इसके लिये न बिहार सरकार ही पहल कर रही है और न ही झारखंड सरकार. दोनों सरकारों की पेंच में सारे कर्मचारियों का वेतन फंस गया है।
होटल रांचीअशोक
वीआरएस लेने वाले कर्माचारियों को भी कुछ नहीं मिला

बताया गया कि डेढ़ साल पहले 15 कर्मचारियों ने वीआरएस लिया लेकिन, उन्हें भी न तो वेतन ही मिला और न ही ग्रेज्यूटी मिली न पीएफ का पैसा. उनके सामने भी भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।

34 वर्षों तक सेवा दी पर कुछ नहीं हुआ

कर्मचारियों का कहना है कि हमलोगों ने 34 वर्षों तक भारत पर्यटन विकास निगम के लिये काम किया उसका नतीजा यह है कि आज हम खुद के वेतन के लिये पिछले पांच सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं। पांच साल तक हमलोगों को केवल आश्वासन ही मिलता रहा। अब तो नौकरी भी नहीं रहा. क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

बिहार सरकार ने दिये थे 63 लाख, लेकिन कागजी पेंच में फंस गया वेतन का मामला

बिहार सरकार ने होटल अशोका को 63 लाख रूपए दिये थे लेकिन, ट्रांजेक्शन एडवाईजर की रिपोर्ट में 36 लाख दर्शाया गया. बिहार सरकार को जब इस बारे में बताया गया तो कहा गया कि उसको सुधरवाकर हमें भेज दें हम उसे बोर्ड से पारित करवा लेंगे। पर उससे संबंधित कागजात प्रबंधन द्वारा नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है।

होटल अशोक का निर्माण संयुक्त बिहार में वर्ष 1985 में हुआ

होटल अशोक का निर्माण संयुक्त बिहार में वर्ष 1985 में हुआ था। वर्तमान में इसमें 51 फीसद शेयर आइटीडीसी, 36.75 फीसद शेयर बिहार सरकार तथा 12.25 फीसद शेयर झारखंड सरकार का है। आइटीडीसी से 51 फीसद शेयर खरीदने से झारखंड सरकार का शेयर 63.25 फीसद हो जाएगा। बता दें कि राज्य गठन के पहले आइटीडीसी का 51 प्रतिशत और बिहार का 49 फीसद शेयर इसमें था, लेकिन झारखंड राज्य बनने के बाद बिहार के 49 प्रतिशत शेयर में 12.25 फीसद शेयर झारखंड को दे दिया गया था. जहां यह होटल है, वह जमीन (2.70 एकड़) झारखंड सरकार की है।

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