मध्यप्रदेश में गहराया बिजली संकट , चार दिन का बचा कोयला

(भोपाल) : मध्यप्रदेश में कोयले की भारी कमी के कारण बिजली संकट गहराने लगा है। भीषण गर्मी के बावजूद प्रदेश के कई जिलों के ग्रामीण इलाकों में आठ घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। हालत यह है कि प्रदेश के चारों थर्मल पॉवर हाउस में 1 से 4 दिन तक का कोयला बचा है। सोमवार शाम 700 मेगावॉट बिजली ओवर ड्रॉ करनी पड़ी।
प्रदेश में बिजली संकट के मद्देनजर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर दिल्ली पहुंचकर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिले। उन्होंने रेल मंत्री को मप्र के हालात बताए। तोमर ने कहा मप्र में कोयले के परिवहन के लिए रोजाना 12.5 रैक की जरूरत होती है, जबकि 8.6 रैक ही मिल पा रहे हैं।
इस कारण रोजाना 15600 मीट्रिक टन कोयला कम मिल रहा है। ऊर्जा मंत्री ने कहा मध्यप्रदेश में थर्मल पॉवर हाउस से बिजली उत्पादन क्षमता 4570 मेगावाट है। तय प्रावधान के मुताबिक 26 दिन का कोयला होना जरूरी है। इन 26 दिनों के लिए 40 लाख 5600 मीट्रिक टन कोयला होना जरूरी है।
बिजली मामलों के जानकार राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक प्रदेश में सोमवार शाम 7:30 बजे बिजली की डिमांड 10844 मेगावाट थी, जबकि राज्य का उत्पादन 5172 और सेंट्रल सेक्टर से 4964 मेगावाट था। अग्रवाल का कहना है बैंकिंग के तहत अन्य राज्यों को दी जा रही बिजली बंद करके सेंट्रल सेक्टर से आपूर्ति करनी चाहिए।

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