महिला पटवारी को रिश्वत लेना पड़ा महंगा,न्यायलय ने सुनाई चार वर्ष की सजा

(रतलाम) : विशेष न्यायाधीश ने रिश्वत के मामले आरोपित महिला पटवारी को चार वर्ष की सजा और दो हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई है।गुरुवार को स्थानीय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संतोष कुमार गुप्ता ने गुरुवार को रिश्वत लेने के मामले में आरोपित पटवारी अल्का सक्सेना को चार वर्ष की जेल एवं दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
अभियोजन के अनुसार 22 फरवरी 2014 को फरियादी मोहनलाल पाटीदार पुत्र किशनलाल पाटीदार निवासी ग्राम हथनारा ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन को लिखित में शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि उनके पिता के नाम 30 बीघा जमीन ग्राम हतनारा में है। भूमि के नामांतरण होने के बाद पावती बनवाने के लिए हल्का क्रमांक 36 (ग्राम हतनारा) की पटवारी अलका सक्सेना ने तीस हजार रुपये की मांग की थी। शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस के तत्कालीन निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने रिश्वत संबंधी वार्तालाप की पुष्टि के लिए शिकायतकर्ता को शासकीय डिजिटल वाइस रिकार्डर देकर अलका से बातचीत रिकार्ड करवाई थी। बाद लोकायुक्त ने 25 फरवरी 2014 को पटवारी अलका सक्सेना को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा था। लोकायुक्त पुलिस ने अलका सक्सेना के खिलाफ 20 जनवरी 2017 को विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सीमा शर्मा ने की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया।

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