उज्जैन के माधव कॉलेज के प्राचार्य ने छात्रों द्वारा मोबाइल से नक़ल करने पर sp को लिखा पत्र

(उज्जैन) : शहर के माधव कॉलेज में शनिवार से परीक्षाएं प्रारंभ हुई हैं। इसके बाद यहां रोज कोई न कोई नया और चौंकानेवाला मामला सामने आ रहा है। बुधवार को प्राचार्य प्रो.बरमैया ने एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल को लगातार दूसरा पत्र लिख दिया है। पहले पत्र में उन्होने एसपी से मांग की थी कि माधव कॉलेज में बाहरी तत्व,कतिपय छात्र नेता घुस रहे हैं तथा विवाद कर रहे हैं,इसलिए पुलिस बल भेजें। इसके उत्तर में एसपी ने कहा तो कुछ नहीं लेकिन जीवाजीगंज थाने से दो आरक्षक जरूर पहुंच गए। हालांकि दोनों आरक्षक दो दिन से छात्रों के हुजूम के सामने कुछ नहीं करने की स्थिति में दिखे,ऐसा प्रोफेसर्स का अनौपचारिक चर्चा में कहना था। उनके अनुसार वे तो छात्र नेताओं और राजनीतिज्ञों से लड़ नहीं सकते। इसलिए प्राचार्य को बता देते हैं सारी समस्याएं। इतना कहने के बाद कतिपय प्रोफेसर्स मुंह दबाकर हंस भी देेते हैं। मानो व्यवस्था और प्राचार्य,दोनों को ताना मारा हो।

प्राचार्य ने पत्र में लिखा कड़वा सच

प्राचार्य प्रो.बरमैया के अनुसार उन्होंने एसपी को दोबारा पत्र लिखा है। पत्र में मांग की है कि भारी पुलिस बल के साथ एक चार का पुलिस गार्ड भी भेजो। याने सशस्त्र पुलिस बल। प्रो.बरमैया ने इस प्रतिनिधि को बताया कि मैंने पत्र में उल्लेख किया है कि कतिपय बाहरी तत्व,जो स्वयं को छात्र नेता बताते हैं, प्रथम तल के कक्षों की बाहर की ओर निकल रही खिड़कियों तक आते हैं। अंदर बैठे परीक्षार्थी से प्रश्न पत्र मांगते हैं, उसका मोबाइल फोन से फोटो खींचते हैं। उसके बाद प्रश्नों के उत्तर परीक्षार्थियों को बता दिए जाते हैं। यह रोजाना का काम हो गया है। आरोप भी लगाया कि परीक्षा कक्ष में उपस्थित कतिपय प्रोफेसर्स या तो चुप्पी साध लेते हैं,या फिर मुंह फेर लेते हैं। ऐसे में परीक्षा का मजाक बन रहा है।

झुकूंगा नहीं…..लड़ूंगा सभी से : प्राचार्य

अपना पक्ष रखते हुए प्राचार्य प्रो.बरमैया इस प्रतिनिधि से कहते हैं-झुकूंगा नहीं किसी छात्र नेता की दादागिरी से। सबसे लडूंगा। तीन वर्ष के कार्यकाल में अपने गृह नगर तीन बार भी नहीं गया हूं। केवल इसलिए कि मेरे जाते ही यहां की व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाएंगी। मैं सभी से लडूंगा और इस बार स्वच्छ तथा पारदर्शी माहौल में परीक्षा हो,यह कोशिश करूंगा। बस,आप भी एसपी से कहो कि हमारी मदद करे और भारी पुलिस बल तथा एक चार का गार्ड जरूर भेज दे। अपनी बात समाप्त करते हुए वे कहते हैं-शायद, मीडिया में पढ़कर एसपी संवेदनशील हो जाएं और हमारी मदद के लिए पुलिस बल भेज दें।