जब किसान पहुंचा वकील के साथ कलेक्टर की संपत्ति कुर्क करने पढ़िए क्या हुआ

(खंडवा) : MP के किसान ने 22 साल तक चली जमीन की कानूनी जंग जीत ली। जिसके बाद अब उसे सरकारी संपत्ति कुर्क कर 16 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा। मामला हरसूद का है। इंदिरा सागर डैम के डूब क्षेत्र में उसकी 21 एकड़ जमीन आ गई थी। मुआवजा पाने के लिए उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए, आज की गाइडलाइन के हिसाब से उसे रिकवरी देने का फैसला दिया। रिकवरी नहीं मिलने पर वह एकबार फिर कोर्ट पहुंचा। अब जबलपुर हाईकोर्ट ने कलेक्ट्रेट और NHDC (नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिकल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) की संपत्ति कुर्क करते हुए किसान को मुआवजा देने को कहा है।

सोमवार को न्यायालयीन अधिकारी संपत्ति कुर्क करने के लिए कलेक्टर कार्यालय, NHDC समेत अन्य अफसरों के दफ्तर पहुंचे। NHDC के अफसर तो दफ्तर पर ताला बंद करके चले गए, जबकि कलेक्टर ने पूरे मामले को समझने के लिए कुछ दिन का समय मांगा है।

सरकार को 21 एकड़ जमीन पर 3 लाख के मुआवजे के बदले 16 करोड़ देना है। यह रिकवरी कलेक्ट्रेट और NHDC के जनरल मैनेजर, कार्यपालन यंत्री व भूअर्जन अधिकारी के जरिए कराई जानी थी। उन्होंने अपने वकील मयंक मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में अपील की थी।

किसान के संघर्ष की कहानी
केस जीतने वाले किसान नरेंद्र कुमार सांड ने बताया कि हरसूद में मेरी 21 एकड़ जमीन थी। मैं शास्त्री नगर में किराए के मकान में रहता हूं। 22 साल से मैं कोर्ट में जमीन के मुआवजे की राशि के लिए शासन से लड़ रहा हूं। पहले शासन ने जमीन की कीमत 30 पैसे प्रति स्क्वेयर फीट यानी 13 हजार रुपए एकड़ के अनुसार आंकी थी। जमीन की कीमतों को लेकर मैंने अपने वकील के जरिए जबलपुर हाईकोर्ट में अपील की। 2 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट ने 21 एकड़ जमीन को लेकर मेरे पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने वर्तमान दर के अनुसार जमीन की कीमत को आंकते हुए राज्य शासन व NHDC को मुझे 16 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही पूरी राशि मिलने तक, 15% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देने को कहा। आदेश के तीन माह बीत जाने के बाद भी राशि जमा नहीं की गई, तो वसूली पाने के लिए मैंने खंडवा कोर्ट में निष्पादन याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने इसे मंजूर की। वहीं याचिका के विरुद्ध NHDC के वकील ने स्थगन का आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

 भुगतान NHDC ​​​​​​ काे करना है – कलेक्टर

खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह का कहना है कि कुर्की को लेकर टीम दफ्तर आई थी। केस में पार्टी बनाया है, लेकिन भुगतान NHDC को ही करना होगा। इसको लेकर NHDC के अधिकारियों से चर्चा हो गई है।

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