इंदौर पुलिस ने पकड़ी क्लीन करेंसी ,पढिये क्लीन करेंसी होती क्या है
इंदौर पुलिस ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय एडवाइजरी कंपनी पर छापामार कार्रवाई की। कंपनी 300 से ज्यादा लोगों को ठग चुकी है। पुलिस ने इंवेस्टर्स की शिकायत के बाद कार्रवाई की। कंपनी के 4 अकाउंट और 20 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है। इंदौर में काम करने वाले कंपनी के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। दुबई में रहकर कंपनी चलाने वाले मुख्य आरोपी अतुल बिष्ट और मैनेजर मोनिका पर केस दर्ज किया गया है।
विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया, आरोपी प्रीमियम बिल्डिंग में प्लेटिनम ग्लोबल व बीएनबी नाम की कंपनी संचालित कर रहे थे। कंपनी जल्द ही क्रिप्टो करेंसी की तर्ज पर क्वीन कॉइन लॉन्च करने वाली थी। फॉरेन ट्रेडिंग कंपनी लोगों से डॉलर में निवेश कराती थी। पुलिस अनिल पिता सुदर्शन निवासी महालक्ष्मी नगर व उसके साथी हरदीप पिता जीएस सलुने से पूछताछ कर रही है।
कंपनी के कर्मचारी अनिल ने पुलिस को बताया कि जल्द आरोपी अतुल बिष्ट की क्वीन कॉइन को फर्जी सर्वर के माध्यम से पूरे देश में संचालित करने की प्लानिंग थी। अतुल देश से करोड़ों रुपए की ठगी करने का षड्यंत्र रच रहा था। अतुल ने 300 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपए ले लिए थे। जब फायदे का समय आया तो कंपनी ने उनके खाते में ट्रांजेक्शन होने से मना कर दिया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत की गई।
ऐसे करते थे काम
फर्जी सर्वर में शेयर ट्रेडिंग और क्लाइंट की अकाउंट डिटेल अतुल बिष्ट के हाथ में ही रहती थी। वह क्लाइंट की प्रोफाइल देखकर ही इन्वेस्ट कराता था। वह ग्राहक को भरोसे में लेकर बड़ा निवेश कराता फिर उसकी प्रोफाइल ही डिलीट कर देता था। इस तरह से वह पूरा पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता था।
कंपनी पहले सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में निवेश करने के नाम पर विज्ञापन देती थी। ग्राहक के रुचि दिखाने पर आईडी और पासवर्ड दिया जाता था। औपचारिकता के लिए दस्तावेज और बैंक की डिटेल लेकर कंपनी के अकाउंट में ही पूरा रुपया डालने को कहते। यह खाता इंदौर के बैंकों का होता था, जिसमें देश के सभी इलाकों से बैठे हुए लोग इन्वेस्ट करते थे।
क्रिप्टो करेंसी यानी डिजिटल कैश
क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो एक निजी कम्प्यूटर चेन से जुड़ी हुई है और कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि, कई देश इसे लीगल कर चुके हैं। अल सल्वाडोर में तो डिजिटल मुद्रा पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी है। क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं। ये डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं। इसे एक कम्प्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है। इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित होता है। यह सारा काम कम्प्यूटर नेटवर्क के जरिए चलता है। क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है।
ऐसे होती है ऑनलाइन ठगी
ठगी करने वाले लोग किसी भी वेबसाइट के नाम से मिलती-जुलती एक दूसरी साइट बना लेते हैं। ऐसी साइट्स बनाने के बाद गूगल एडवर्ड्स पर डालकर इन्हें ट्रेंड करा दिया जाता है। ऐसा करने पर ये साइट्स सर्च इंजन में भी ऊपर दिखाई देती हैं। इन साइट्स पर काफी कम कीमत में सामान दिखाया जाता है, जिससे ग्राहक प्रभावित होते हैं और सस्ते के चक्कर में ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं। ग्राहकों से पेमेंट लेने के बाद ये लिंक डिएक्टिवेट हो जाते हैं।
ऐसे बचें ऑनलाइन ठगी से
एक्सपर्ट कहते हैं कि ई-कॉमर्स साइट ऐप डाउनलोड करना चाहते हैं तो उसकी साइट पर जाएं और वहां पर दिए गए ऐप डाउनलोड लिंक पर क्लिक करें। यह लिंक यूजर को प्ले स्टोर पर रीडायरेक्ट कर देता है। जहां से ऑफिशियल ऐप डाउनलोड किया जा सकता है। इस तरह की ठगी से बचने के लिए जरूरी है कि किसी भी अनजान व्यक्ति (भले ही वह फोन पर कोई अधिकारी होने का दावा कर रहा हो) के कहने पर किसी भी नंबर पर मैसेज न करें। इसके अलावा किसी के साथ अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड की डिटेल्स न शेयर करें और न ही किसी को ओटीपी बताएं।
दुबई में फर्जी सर्वर और हेड ऑफिस दिखाया लंदन में
आरोपी अतुल बिष्ट कुछ समय पहले इंदौर आया था। यहां उसने एक एडवाइजरी कंपनी शुरू की। अतुल बिष्ट लोगों को रुपए दो-तीन गुना करने का लालच देता था। अतुल ने शेयर मार्केट की तर्ज पर फर्जी सर्वर भी बना लिया था, जिसके माध्यम से ट्रेडिंग का पूरा बाजार अपने अनुसार दुबई से ऑपरेट करता है। वह फॉरेन ट्रेडिंग का कहकर सभी ग्राहकों से डॉलर में लेन-देन करता था। इस तरह वह मोटा पैसा सभी से ले पाता था। वह अपने कर्मचारियों को कई बार दुबई घुमाने भी लेजा चुका है।