M.A हिन्दू कोर्स BHU से शुरू किया गया ।
हिंदुस्तान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से देश का पहला हिन्दू कोर्स शुरू किया गया ।
मधुर मनोहर अतीव सुंदर ।
यह सर्वविद्या की राजधानी ।।
यह बसी है गंगा के रम्य तट पर
यह तीन लोको से न्यारी काशी ।।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में से हिंदू स्टडीज कोर्स की शुरूआत हो गई है। इसके साथ ही BHU देश का पहला विश्वविद्यालय हो गया है, जहां पर हिंदू स्टडीज में मास्टर डिग्री प्रोग्राम चलाया जा रहा है। भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी ने बताया कि इस कोर्स में भारत और विदेशों के कुल 46 छात्रों को एडमिशन दिया गया है। इस कोर्स में एक ही विदेशी छात्र शामिल हैं, जो कि वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद का है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि इसकी कक्षा 19 जनवरी को 11 बजे से चलेगी। कल से शुरू हो रही क्लास 21 जनवरी तक इंट्रोडक्ट्री होगी। उसके बाद 25 जनवरी से वीकली प्रोग्राम चलेगा।
BHU के सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी चंद्रशेखर ग्वाड़ी ने ट्विट कर बताया कि कोविड के बीच आज इस कोर्स के उद्घाटन समारोह को वर्चुअली ही किया गया है। इस कोर्स के सभी देशी-विदेशी छात्र हिंदू धर्म की पुरातन विद्या और धर्म विज्ञान में भी पारंगत होंगे। शुभारंभ में लोक गायिका और भारत अध्ययन केंद्र की चेयर प्रोफेसर मालिनी अवस्थी, BHU के रेक्टर प्रोफेसर वीके शुक्ल, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रोफेसर विजय कुमार शुक्ल और शताब्दी पीठ के आचार्य प्रोफेसर कमलेश दत्त त्रिपाठी शामिल हुए। इस कोर्स के कोआर्डिनेटर प्रो. श्रीप्रकाश पांडेय और भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
इन विभागों के प्राेफेसर लेंगे क्लास
कोर्स के प्रस्तावकों में शामिल रहे भारत अध्ययन केंद्र के चेयर प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने कहा कि कला संकाय के भारत अध्ययन केंद्र द्वारा इस कोर्स को चलाया जा रहा है। इस कोर्स में भारत अध्ययन केंद्र के साथ ही BHU का दर्शन शास्त्र, प्राचीन भारतीय इतिहास व संस्कृति विभाग और संस्कृत विभाग भी क्लास लेगा।
वर्ष 2021 में केंद्र के बोर्ड ऑफ स्टडीज, एकेडमिक काउंसिल और एक्जीक्यूटिव कांउसिल द्वारा इस कोर्स को पारित किया गया था। इन छात्रों की कक्षाएं आज से ही वर्चुअल रूप से चलेंगी।
इन सब्जेक्ट्स की होगी पढ़ाई
दर्शन शास्त्र विभाग हिंदुत्व का लक्ष्य, आधार और रूपरेखा, तो संस्कृति विभाग पुरा उपकरणों, स्थापत्य कला और उत्खनन से मिले सबूतों का विश्लेषण करेगा। संस्कृत विभाग के आचार्य श्लोक, शास्त्रों और प्राचीन साहित्यों में छिपे काम की बातों को उजागर करेेंगे। वहीं भारत अध्ययन केंद्र हिंदू लाइफ स्टाइल और आध्यात्मिक साइंस पर फोकस करेगा। भारत अध्ययन केंद्र बताएगा कि वैदिक युग में तत्व विज्ञान, प्राचीन युद्ध कौशल, सैन्य विज्ञान, कला-विज्ञान किस तरह से उन्नति कर रहीं थी।
आज उसकी क्या संभावना है। वहीं, रामायण, महाभारत, ज्ञान मीमांसा, नाट्यकला, भाषा विज्ञान, कालिदास, तुलसीदास, आर्य समाज, बुद्ध, जैनी और स्वामी विवेकानंद के बताए रास्तों से छात्रों को अवगत कराया जाएगा।